ज़िंदगी

ज़िंदगी

मुझे गम नहीं की रूठ गया ,
हर अपना बेगाना |
की ज़िंदगी हो तुम ,
तुम न रूठ जाना |

रूठ कर ना जाओ

रूठ कर ना जाओ

वो कहते थे........इस तरह
रूठ कर ना जाओ ,
तुम्हारे बिना रह ना पाएंगे ,
समेट लो अपनी इन बाँहों मैं ,
वरना जीते जी मर जाएँगे |